हायकू = बारह मासा
卐 जय माँ शारदे 卐
हायकू = बारह मासा
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चैत्र कृषक
अनाज प्राण सम
हर्षित मन/
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वैशाख मास
आताप विकराल
जरत धरा /
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ज्येष्ठ महीना
पवन बहत है
लौ विकराल /
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आया अषाढ़
झूमि-झूमि बादल
बरसे पानी/
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सावन मेघ
व्योम मे सजधज
खेलत होली/
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भादों लावत
काली-काली बदरी
नाहि आघात /
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क्वार विदाई
रिमझिम बारिस
फूलत कास/
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कार्तिक कृषि
दीपावली मधुर
भरे उमंग /
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अगहन जाड़ा
कदम धरत अब
ओढ़े रज़ाई/
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ठंड पौष की
लग रही कंपित
होत प्रभात /
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माघ मचाए
धूम कड़ाके ठंडी
चाहत आग/
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फागुन गुण
सब रंग रंगीला
आ खेलें होली /
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राजकिशोर मिश्र”राज”
06/07/2015
बढ़िया. हाइकु का अच्छा प्रयोग.
आदरणीय हौसला अफजाई के लिए आभार