दवा जानलेवा
डेढ़ साल पहले एस्प्रिन सेवन से मेरे बड़े भैया की बहुत हालत खराब हुई थी ….. खून इतना पतला हो गया था कि शरीर से बाहर बहने लगा था ।
जिन्हें हाई bp होता है उन्हें ऐसी दवा दी जाती है जिनसे उनका खून पतला रहे ताकि हर्ट प्रॉब्लम ना हो ।
मेरी सहेली के जेठ की मृत्यु हो गई । उनका खून इतना पतला हो गया कि दिमाग पर असर कर गया , जिसे सम्भाला नहीं जा सका ।
डॉ से नियमित जांच हर के लिए जरूरी है
जिंदगी में लापरवाही खुद के लिए हानिकारक होने के साथ आप अपनों को भी चोट पहुंचाते हैं
एस्प्रीन का सेवन करते वक्त , समय समय ब्लड टेस्ट होने चाहिए ताकि कोई नुक्सान न हो . 50 mg. दिन में एक दफा वोह भी फ़ूड के साथ सही खुराक है लेकिन इस से ज़िआदा खानी नहीं चाहिए . अगर खून टेस्ट के बाद डाक्टर को लगे कि अब जरुरत नहीं तो छोड़ देनी चाहिए .
जी भाई जी ……..
बिलकुल सही विभा जी, दवाइयों पर आश्रित जीवन कभी चैन नहीं पाता उसपर अन्धाधुन्ध प्रयोग जनजीवन पर गहरा संकट है
जी आदरणीय
आपका अनुभव आँखें खोल देने वाला है. वास्तव में अधिकांश एलोपैथिक दवाइयां हानिकारक होती हैं और कई तो अत्यंत हानिकारक होती हैं. इसलिए हमें दवाओं के सेवन से बचना चाहिए. आवश्यक होने पर आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करना चाहिए.
जी भाई
bilkul sahi kaha maa aapne.. isliye doctor kisi bhi operation se pehle asprin ka sewan bund karwa dete hain..
स्नेहाशीष बिटिया