रक्षा का सूत्र
एक रक्षा का सूत्र बांधना है
अपने देश की एकता को भी
ताकि टूटने न पाए पवित्र बंधन ,
जो जुड़ा है सांसो से कई शहीदों के
करनी है रक्षा जी जान से अपने देश की
करनी है चौकसी दिन रात इस की
ताकि हर न ले जाये
कोई भारत माता हम से
बांधना है सूत्र ऐसा
जो गूंथा हो प्यार
और स्नेह से हमारे ,
जोड़ना है दिलों को अपने
करने हैं मजबूत हाथ अपने
आओ इस पावन बेला पर बांधे मिलकर
सूत्र एकता का अपने देश को
करें प्रण रखेंगे लाज सदा ही अपने देश की
बांधे सूत्र ऐसा जिसे खोल न पाए कोई
एक रक्षा का सूत्र बांधना है
अपने देश की एकता को भी
ताकि टूटने न पाए ये पवित्र बंधन कभी ||
— मीनाक्षी सुकुमारन
अच्छा सामयिक कविता !