अब और न सता
अब न सता मुझे तू मेरा साथ छोड़ दे |
वादे किये थे जो कभी तू आ के तोड़ दे||
मुझको सता ना और तू बेर्दद मसीहा|
मुझको मेरे हाल पे ऐसे ही छोड़ दे||
मुझको बता हबीब मेरे चाहता है क्या|
मौजे-तूफां में मुझको ऐसे ही छोड़ दे||
पशेमां ना मुझे तू कर ऐ मेरे संगदिल|
मुझको तू शबे-हिज्र में ऐसे ही छोड़ दे||
तू चाहे या न चाहे इख्तियार है तेरा
तश्नातलब मुझे तू ऐसे ही छोड. दे||