बाल कविता – नैनीताल में
जून माह में ठंडक पड़ती नैनीताल में
गर्मी की सब अकड़ निकलती नैनीताल में
लखनऊ दिल्ली पैतालीस डिग्री में झुलस रहे
सोलह पर ही धूप सिकुड़ती नैनीताल में
गर्मी धूप पसीना सबकी दादागीरी बंद
नहीं किसी की भी है चलती नैनीताल में
पंखा कूलर एसी सबकी छुट्टी रहती है
नहीं किसी की दाल है गलती नैनीताल में
तुम भी यहाँ घूमने आना मौका मिलते ही
गर्मी से है राहत मिलती नैनीताल में
— अरविन्द कुमार साहू
अच्छी बाल कविता !