हाइकु—
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भर लो मुझे,
बाहों के आगोश में,
था मैं बेचैन।।
••••••
अभी आकर,
हो गये हम एक,
लिपटकर।।
••••••••
मेरा व तेरा,
प्रफुलित हो रहा,
अपनापन।।
••••••
रमेश कुमार सिंह
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भर लो मुझे,
बाहों के आगोश में,
था मैं बेचैन।।
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अभी आकर,
हो गये हम एक,
लिपटकर।।
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मेरा व तेरा,
प्रफुलित हो रहा,
अपनापन।।
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रमेश कुमार सिंह
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अतीव सुंदर सृजन
हाइकु अछे लगे .
हायकु का अच्छा उपयोग !
आभार!!