कविता

भारती पवित्र क्षेत्र…

पंच कर रहे प्रपंच, जनता त्राहि त्राहि करे।
भारती का दर्द भला, कौन हरे कौन हरे।।
धर्म कर रहा विलाप, क्रुद्ध जन प्रचंड है।
आस्था पुनीत कलश,हुआ खंड खंड है॥
दुष्टता दहक रही है, चंड घात घात में।
अभ्यचार वार करे, दुष्कर्म विघात मे॥
कर रहा विलाप आसमान, रुष्ट है धरा।
डूब रहा कर्मकाल, तर रहे निशाचरा॥
भेद भाव द्वंद, मंद मंद कर्मकाल में।
घुट रहा है सत्य,भ्रष्टता के छंद जाल मे॥
हर दिशा विलाप रही, दुष्टता के दंश से।
दूर हो गया है जबसे अंश, ईश अंश से॥
हे महाप्रभु उठाओ, अब त्रिशूल हाथ में
कोई दुष्ट ना बचे, त्रिलोकी कायनात मे॥
नेत्र खोल दो त्रिनेत्र, बम बोल दो त्रिनेत्र।
दुष्ट दलन करो नाथ, भारती पवित्र क्षेत्र॥
दुष्ट दलन करो नाथ, भारती पवित्र क्षेत्र…
दुष्ट दलन करो नाथ, भारती पवित्र क्षेत्र…

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.