बाल कविता

बालगीत – “वर्षा  रानी”

 

वर्षा  रानी फिर बादल के रथ पर चढ़कर आई

देख दहकते सूरज जी को मंद – मंद मुस्काई  |

इंद्रधनुष का सतरंगी , परिधान पहन इठलाई ,

नीली छतरी के नीचे वह उमड़ घुमड़ कर छाई |

गरज – तड़प कर के मेघों ने ऐसी धुने बजाई ,

खूब छमाछम नाची वर्षा , थिरके नदी तलाई |

रिमझिम रिमझिम ठंडी बूंदों ने जब धार बहाई

गर्मी  सारी ठंडी पड़ गई , सहमे सूरज भाई |

-– अरविंद  कुमार ‘साहू’

अरविन्द कुमार साहू

सह-संपादक, जय विजय

One thought on “बालगीत – “वर्षा  रानी”

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत अच्छा बाल गीत .

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