मित्रता दिवस की शुभकामनायें
1
बादल बदला के लिए नहीं तरसते
एक समान सरी व मरु में हैं बरसते
मित्रता यूँ होना चाहिए हम समझते
2
अच्छाइयों का कद्र वे नहीं करते जो खुद अच्छे नहीं होते
अहंकार अभिमान स्वाभिमान का अंतर नासमझ नहीं समझते
मोम को आंच पर चढ़ा कर हैं आकार देते
3
कुंदन फोन की अपनी सहेली पुष्पा को ; फोन पुष्पा के पति उठाये
हेल्लो हाँ आप कौन ?
कुंदन
कौन कुंदन
कुंदन फोन पटक दी
बाद में पति के बताने पर कि कुंदन का फोन आया था ; पुष्पा कुंदन को फोन की
हेल्लो
मैं पुष्पा
कौन पुष्पा ; आज के बाद कभी मुझसे कोई बात नहीं करना , तुम अपने पति को मेरा परिचय नहीं दी थी
अरे मेरी बात तो सुनो
फोन कट चुका था फिर कभी कुंदन पुष्पा का फोन नहीं उठाई वो कहाँ है उसका पता पुष्पा कैसे ढूंढे और बताये उसके पति याद नहीं रख सके इसमें उसका क्या कसूर
कुंदन का फोन नम्बर पुष्पा अपने पति के दोस्त की पत्नी के माध्यम से उनकी फुफेरी बहन के द्वारा खोज निकाली थी …… कुंदन उस गांव में तब टीचर थी ….. बाद में वो उस गांव को छोड़ कर चली गई