मुक्तक/दोहा

चन्द शेर

इत्तफाक से जब वो हमे मिल जाती थी रास्ते में कभी
यू लगता है जैसे करीब से हमारी ज़िंदगी जा रही हो

में फस गया हूँ  जिंदगी की बातो में आकर

ये मुझे उलझनो में डाल गयी बड़े बड़े खवाब दिखाकर

जब तक हम किसी के निगाहो में अच्छे है
इसका मतलब ये है की हमे उनकी कभी जरूरत ना पड़ी

इन्हें हम ही सिखाते है की ये है हिन्दू और वो है मुसलमान

क्युकि ये बच्चे किसी मजहब का सीकर नहीं होते

अखिलेश पाण्डेय

नाम - अखिलेश पाण्डेय, मैं जिला गोपालगंज (बिहार) में स्थित एक छोटे से गांव मलपुरा का निवासी हु , मेरा जन्म (23/04/1993) पच्छिम बंगाल के नार्थ चोबीस परगना जिले के जगतदल में हुआ. मैंने अपनी पढाई वही से पूरी की. मोबाइल नंबर - 8468867248 ईमेल आईडी [email protected] [email protected] Website -http://pandeyjishyari.weebly.com/blog/1

One thought on “चन्द शेर

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    सार्थक प्रयास

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