खाँसी की प्राकृतिक चिकित्सा
सूखी या गीली दोनों तरह की खाँसी का कारण है पुराना क़ब्ज़ और फेंफडों में विकार एकत्र होना। इनको दूर करने के लिए निम्नलिखित कार्य करें-
१. सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़कर और एक चम्मच शहद मिलाकर पियें। फिर ५ मिनट बाद शौच जायें।
२. शौच के बाद ५-७ मिनट का ठंडा कटिस्नान लें। उसके बाद आधा-पौन घंटा तेज़ चाल से टहलें।
३. टहलने के बाद फेंफडों को साफ़ करने के लिए ५ मिनट भस्त्रिका, ५ मिनट कपालभाति और ५ मिनट अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।
४. दिन भर में साढ़े तीन-चार लीटर सादा पानी पियें। यानी हर घंटे पर एक पाव। जितनी बार पानी पियेंगे उतनी बार पेशाब आयेगा। उसे रोकना नहीं है।
५. रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी से लें।
६. परहेज़- फ्रिज का ठंडा पानी, चिकनाई, चीनी तथा कफ कारक वस्तुएँ। अगर चाय छोड़ सकें तो बेहतर, नहीं तो उसके स्थान पर ग्रीन टी पियें।
इस कार्यक्रम का पालन करने से कैसी भी खाँसी हो केवल एक-दो सप्ताह में जड़ से समाप्त हो जायेगी।
विजय कुमार सिंघल
निःशुल्क चिकित्सा,,, अति-उत्तम | हार्दिक आभार |
खांसी के उपचार के लिए बिना व्यय का विश्वसनीय उपचार। हार्दिक धन्यवाद।
प्रणाम मान्यवर ! आभार ! आप इसकी जानकारीअपन् आसपास के लोगों को देने की कृपा करें ताकि वे भी लाभ उठा सकें।
विजय भाई , बहुत अच्छी जानकारी दी है आप ने .लेकिन पानी इतना पी नहीं होता ,कोशिश तो करते हैं लेकिन यहाँ मौसम ही कुछ ऐसा है कि पानी पीने को जी नहीं चाहता . फिर भी जितनी कोशिश हो सकती है ,जरुर करते हैं .
प्रणाम, भाईसाहब ! आपका कहना सत्य है। आप ठंडे देश में रहते हैं इसलिए इतना पानी नहीं पी सकते। लेकिन दिनभर में ढाई तीन लीटर जल आप सरलता से पी सकते हैं। इतनी आपके लिए काफ़ी होगा। पानी पीने को जी न चाहे तो भी समय पर ज़रूर पीना चाहिए।