मुक्तक
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काले-काले बालों को लहराने से, नभ में काली घटा छाने लगी।
ओठों पर मुस्कुराहट लाने से~~चेहरे पर हरियाली छाने लगी।
ये जुल्फे, ये आँखें, इस मधुर-मधुर मुस्कुराहट के संमागम से,
ऐसा कर गई, मुझ पर जादू, कि ख्वाबों-ख्यालों में आने लगी।
••••••••••••••••••@रमेश कुमार सिंह••••••••••••••••••