“तारनहारा है” (भजन)
“तारनहारा है” (भजन)
गोकुल मथुरा वृन्दावन, कणकण में समाया है
राधे राधे बोलो, बोलो कृष्ण कन्हैया आया है ||
गोकुल की गैया ग्वालबाल मैया को जगाया है
मथुरा में किया हडकम्प सुदर्शनधारी आया है
भादों की रातें कारी यमुना है बिकल मझारी
कंस किया बेहाल लाल देवकी का जाया है ||
बंसी बजाये कदम की डारी सबका प्यारा है
मिश्री माखन चुराने वाला नैनों का तारा है
गिरिवरधारी कृष्णमुरारी बरसाने की राधे का
मीत प्रीत साथी सारे जग का तारनहारा है ||
राधे राधे बोलो, बोलो कृष्ण कन्हैया आया है…….
महातम मिश्र