कविता

“तारनहारा है” (भजन)

“तारनहारा है” (भजन)

गोकुल मथुरा वृन्दावन, कणकण में समाया है
राधे राधे बोलो, बोलो कृष्ण कन्हैया आया है ||

गोकुल की गैया ग्वालबाल मैया को जगाया है
मथुरा में किया हडकम्प सुदर्शनधारी आया है
भादों की रातें कारी यमुना है बिकल मझारी
कंस किया बेहाल लाल देवकी का जाया है ||

बंसी बजाये कदम की डारी सबका प्यारा है
मिश्री माखन चुराने वाला नैनों का तारा है
गिरिवरधारी कृष्णमुरारी बरसाने की राधे का
मीत प्रीत साथी सारे जग का तारनहारा है ||
राधे राधे बोलो, बोलो कृष्ण कन्हैया आया है…….

महातम मिश्र

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ