स्वास्थ्य

नींद क्यों रात भर नहीं आती!

अनेक लोगों को नींद न आने की शिकायत होती है। वे देर तक करवट बदimageलते रहते हैं, पर तमाम कोशिशों के बाद भी सो नहीं पाते। बहुत बाद में जब नींद आती भी है तो अधूरी रहती है और उसका पूरा लाभ नहीं मिलता। लम्बे समय तक यह स्थिति  रहने पर वे अनिद्रा imageरोग से ग्रस्त हो जाते हैं। इससे अनेक समस्यायें पैदा होती हैं।

नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे बड़ा कारण है अनावश्यक रूप से चिंतित रहना। इसका समाधान यह है कि सोने जाते समय अपनी सारी चिंताओं और समस्याओं को शयन कक्ष के बाहर ही छोड देना चाहिए और उनसे कहना चाहिए कि सुबह मुलाक़ात करेंगे। imageआप देखेंगे कि सुबह तक उनमें से आधी चिन्तायें और समस्यायें ग़ायब हो जायेंगी। फिर भी यदि कोई विकट समस्या हो तो उसके समाधान के लिए दिन में ही विचार या चिंतन करना चाहिये। उसके लिए रातों की नींद ख़राब करना व्यर्थ है।

अनिद्रा का दूसरा कारण पर्याप्त मेहनत न करना होता है। यदि हम दिनभर परिश्रम करेंगे तो रात्रि को अपने तय समय पर हमें नींद अवश्य आयेगी और ऐसी नींद गहरी भी होती है, जिससे प्रात:काल शरीर एकदम तरोताज़ा होता है।

बहुत से लोग नींद की गोलियाँ खाकर सोते हैं। यह बहुत खतरनाक है। नींद की गोलियों से ऐसा नशा आता है जो हमारे पूरे शरीर को शिथिल कर देता है। वह नींद नहीं है बल्कि एक प्रकार की बेहोशी होती है। इससे आगे चलकर बहुत कुपरिणाम मिलते हैं।

योग चिकित्सा में एक आसन ऐसा है जिसको यदि सोते समय कर लिया जाये तो बहुत गहरी नींद आती है। इसका नाम है ‘ब्रह्मचर्यासन’। यह वज्रासन से मिलता जुलता है लेकिन इसमें पैर के पंजों को भीतर के बजाय बाहर की तरफ मोड़ा जाता है और नितम्बों को ज़मीन पर टिकाया जाता है जैसा कि साथ के चित्रों में दिखाया गया है।

इस आसन से डरावना सपने आने तथा स्वप्नदोष की शिकायत भी दूर होती है। सोने से ठीक पहले लघुशंका से निवृत्त होकर बिस्तर पर ही इसे ३ से ५ मिनट तक करना चाहिए।

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: [email protected], प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- [email protected], [email protected]

5 thoughts on “नींद क्यों रात भर नहीं आती!

  • शशि शर्मा 'ख़ुशी'

    सराहनीय….. मुझे तो ऐसी कोई प्रॉब्लम नही पर जिसे हो उसे बताया जा सकता है | साधुवाद व प्रणाम |

  • Man Mohan Kumar Arya

    Vandaniya avam sarahniya. Apka jeevan lokopkar ka udahran hai. Mai svayam bhee laabh uthaunga aur dushron ko bhee bataunga. Apko iske liye saadhuvad avam abhar. Mai vidyarthi jeevan me pariksha ke dino me yada kada ratri ko nind na aane ki goli kha liya karta tha parantu tab bhi mujhe gahri nind aati thi. Parivarik samasyayen hone par bhi khoob nind aati hai. Namaste.

    • विजय कुमार सिंघल

      प्रणाम, मान्यवर! अगर किसी को हर परिस्थिति में गहरी नींद आती है तो बहुत अच्छी बात है। ऐसा ही होना चाहिए।

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    सोने की प्राब्लम के लिए नुस्खा अच्छा लगा .

    • विजय कुमार सिंघल

      बहुत बहुत धन्यवाद, भाईसाहब !

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