कविता कविता रमा शर्मा 19/08/2015 वो पेड़ो की छांव ठंडी मस्त हवा वो नंगे पांव दौड़ना न भूख लगना न प्यास सरपट भागना वो चोरी से आम तोड़ना पकड़े जाने पर खूब पिटना अगले दिन से फिर वोही — रमा शर्मा
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