कविता

खंडहर

सुनसान
खंडहर सी हवेली
इक्का दुक्का
कभी कभी
पंखो की फरफराहट
दीवारो की
तहों में लिसडी
अनेको कहानियां
बादशाहत के किस्से
बदगुमानी का रुदन
उखड़ते गारे के संग
कायम हैं अभी भी
टूटा फूटा वजूद लिए
कोई मानता क्यों नही
एक उम्र के बाद
नारी मन भी खंडहर
हो जाता हैं
अनचाहे ही
अनजाने में
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नीलिमा शर्मा निविया

नीलिमा शर्मा (निविया)

नाम _नीलिमा शर्मा ( निविया ) जन्म - २ ६ सितम्बर शिक्षा _परास्नातक अर्थशास्त्र बी एड - देहरादून /दिल्ली निवास ,सी -2 जनकपुरी - , नयी दिल्ली 110058 प्रकाशित साँझा काव्य संग्रह - एक साँस मेरी , कस्तूरी , पग्दंदियाँ , शब्दों की चहल कदमी गुलमोहर , शुभमस्तु , धरती अपनी अपनी , आसमा अपना अपना , सपने अपने अपने , तुहिन , माँ की पुकार, कई वेब / प्रिंट पत्र पत्रिकाओ में कविताये / कहानिया प्रकाशित, 'मुट्ठी भर अक्षर' का सह संपादन