मोहे प्रेम रंग, रंग दो….
रंग मोहब्बत बरसा ऐसा, एक रंग सब रंग जाऐं।
मन धानी धानी हो जाये, तन धानी रंग रंग जाये॥
मोहे प्रेम रंग, रंग दो
बलम मोहे प्रेम रंग दो
मन धरती कुछ ऐसा बरसो
सब सावन कर दो….
मोहे प्रेम रंग, रंग दो
बलम मोहे प्रेम रंग दो….
रोम रोम हर्षित होई जावै
मन मंगल ही मंगल गावै
अबकी ऐसा रंग ले बरसो
जन्मों जन्म उतर नही पावै॥
बूंद बूंद जीवन अमृत हो
तरुणाई संग दो….
मोहे प्रेम रंग, रंग दो
बलम मोहे प्रेम रंग दो….
चहूं दिश श्याम दरस पाऊं में
श्याम रंग मे ही रंग जाऊं में
तुम मुरलीधर अधर बजाओ
राधा बन संग संग आऊं में
फिर जमना तट मुरली मधुर से, सम्मोहित कर दो….
मोहे प्रेम रंग, रंग दो
बलम मोहे प्रेम रंग दो….
मन तृष्णा से मुक्ती दे दो
प्रेम की अनुपम शक्ति दे दो
प्रीत रीत रग रग मे भर के
तर जाऊं भव भक्ति दे दो॥
हे! प्रिय प्राण पति परमेश्वर, करुणा रंग संग संग दो….
मोहे प्रेम रंग, रंग दो
बलम मोहे प्रेम रंग दो……
सतीश बंसल