हे नाग ! तू तो क्षेत्रपाल है
हे नाग !
तू मौन रह कर
क्या कुछ नहीं करता
इंसानों के लिए ।
लेकिन तू आज भी है
सबसे बड़ा दुश्मन
इंसानों का ।
तू दिख जाये तो
इंसान दौड़ते हैं तुझे मारने ।
तू आकरण तो नहीं काटता
उतारू हो जाता है इंसान
जब तुझे मारने को
जीवन टिकाने के लिए
डंसता है तू
फिर तू दुश्मन कैसा ?
यह तो स्वभाव है !
हे नाग !
तू तो क्षेत्रपाल है
करता है
खेतों का रक्षण
जो बाधक बनते हैं
हरियाली में !
इतना समझ क्यों नहीं पाता इंसान
जो खुद को मानता है बुद्धिमान !
@ मुकेश कुमार सिन्हा