कविता

माँ और बेटा

जब एक माँ ने अपने बेटे को जन्म दिया होगा
उसके मन में ये बात तो जरूर उठा होगा..?

ले लिया है जन्म आज मेरे बुढ़ापे का सहारा
अब नहीं घूमना पड़ेगा अंत समय में बन के आवारा..

उस दिन वो खूब खुशिया और खूब मिठाइयां बाटे होंगे
दूर सरहद पर जी भर के उसके पापा नाचे होंगे

सोचे होंगे चलो मैं ना सही आ गया अब अपनी माँ का रखवाला
देर ही सही पर भेजे तो ऊपर वाला..

उनको क्या खबर थी जब उनका बेटा बड़ा हो जाएगा
छोड़ उनका साथ अपना घर कही और बसाये गा..

चंद दिनों के प्यार के लिए वो अपना माँ के कोख का प्यार भुला देगा
जैसे ही वो बड़ा होगा उन्हें जी भर कर रुला देगा..?

अरे वो हैवानो बताओ जरा कैसे तुम ये कर पाते हो
धरती के इस भगवान को कैसे तुम सब रुलाते हो

जाते हो तुम इन्हें जिस हाल में छोड़ कर एक दिन तुमको भी तुम्हारे इसी हाल पर छोड़ कर जाएंगे

तुमने जितना इन्हें रुलाये है उससे कई जयादा वो तुम्हे रुलायेंगे..

अखिलेश पाण्डेय

नाम - अखिलेश पाण्डेय, मैं जिला गोपालगंज (बिहार) में स्थित एक छोटे से गांव मलपुरा का निवासी हु , मेरा जन्म (23/04/1993) पच्छिम बंगाल के नार्थ चोबीस परगना जिले के जगतदल में हुआ. मैंने अपनी पढाई वही से पूरी की. मोबाइल नंबर - 8468867248 ईमेल आईडी [email protected] [email protected] Website -http://pandeyjishyari.weebly.com/blog/1