पाकिस्तान जब तक रहेगा उसकी हरकतें जारी रहेंगी
यह सर्वविदित है कि पाकिस्तान का जन्म भारत विरोध और धार्मिक आधार पर हआ था। पाकिस्तान के जन्म से ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों की लम्बी चैड़ी की सूची लगातार चली आ रही है जोकि लगातार बढ़ रही है। विगत दिनांे उफा में भारत- पाक के प्रधानमंत्रियों के बीच वार्ता बहाली को लेकर बातचीत हुई थी और उसी सिलसिले में आगामी 23-24 अगसत को दो दिवसीय वार्ता का पहला चरण होने जा रहा है। यह वार्ता एनएसए स्तर की होने जा रही है। इस वार्ता में भारत पाकिस्तान को एक बार फिर 1400 पृष्ठों का डोजियर सौंपने जा रहा है इस वार्ता में आतंकवाद के मुददे पर पाकिस्तान को घेरने के लिए भारत ने पूरी तैयारी कर ली है।इसमें पाकिस्तान में चल रहे आतंकी कैम्पों से लेकर दाऊद के ठिकानों व हाफिज सईद के कारनामों के बारे में नई जानकारियां दी जाने वाली हैं। इसके साथ ही गुरूदासपुर हमले गिरफ्तार आतंकी नावेद के कबूलनामे को भी पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज के सामने रख जायेगा।
लेकिन अभी यह वार्ता हो भी पायेगी या नहीं इसमें संदेह हैं क्योंकि पाकिस्तान सरकार व खुफिया एजेंसी आईएसआई व वहां की सेना की ओर से इस बात की पूरी ताकत के साथ कोशिश की जा रही है कि यह वार्ता हो नही पाये लेकिन इस बार अभी तक भारत सरकार व पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इस बात पर अभी तक एकमत हैं कि वार्ता की मेज पर तो आना ही होगा चाहे जितना ही दबाव व विरोध क्यों न हो। वैसे भी युद्ध कोई अंतिम विकल्प कभी हो नहीं सकता। यह तभी संभव होता है जब सभी प्रकार के लोकतांत्रिक और कूटनीतिक रास्ते बंद हो जाते हैं। हालांकि भारत में भी वार्ता के नये दौर को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है। पता नही कांग्रेस क क्या हो गया है कि वह आज हर काम की आलोचना और विरोध पर ही उतर आयी है। जबकि यह सबकुछ कांग्रेस की परानी सरकारों का ही किया धरा है और पीएम मोदी तो केवल समस्याओं के समाधान का प्रयास करते दिखलायी पड़ रहे हैं। एक प्रकार से कांग्रेस व सेकुलर दल कभी-कभी पाकिस्तानी समर्थक की भूमिका में दिखलायी पड़ने लग जाते हैं। वैसे भी जब पीएम मोदी को लगेगा तो वार्ता अपने आप ही ठप हो जायेगी।
अभी तो पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान व उसके हुक्मरानों का चाल, चेहरा और चरित्र सामने आ रहा है। विगत 14 अगस्त को पाकिसतान ने अपने स्वाधीनता दिवस पर कश्मीर का राग पूरे जोर- शोर से अलापा। वाधा बार्डर पर पाकिस्तान को न मिठाई दी गयी और ली गयी। यहीं नहीं पाकिस्तान विगत 14 अगस्त से लगातार जम्मू काश्मीर के नियंत्रण रेखा व अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर फायरिंग कर रहा है । जिसके कारण सीमा के लगभग 30 गांवों में दहशत का वातावरण पैदा हो गया तथा छह नागरिकों की मौत ते अलावा दो दर्जन से अधिक लोग घायल भी हो गये हैं। भारत की ओर से इस विषय पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय में तलब करके फटकार भी लगायी जा चुकी है।
सोपोर सहित कई स्थानों पर आतंकी हमलोें की वारदातें लगातार हो रही हैं।सीमा पर एक प्रकार से अघोषित युद्ध जैसी स्थिति चल रही है इस परिस्थिति में एक चिंगारी कुछ भी करवा सकती है। यहां पर यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि अब सीमा पर स्थिति काफी कुछ बदली हुई है पहले भारतीय सेना के जवान मार खा जाते थे लेकिन अब उन्हें दुश्मनों के छक्के छुड़ाने की पूरी छूट मिली हुई है। यही कारण है कि पाकिस्तानी सेना अब सीमार पर तनाव के लिये नये तरीके अपना रही है। दूसरी तरफ भारत की खुफिया एजेंसियां व सेना पूरी मुस्तैदी के साथ जमू काश्मीर की आंतरिक सुरक्षा पर कड़ी नजर रख रही है व भारत के अन्य हिस्सोे को समय समय पर एलर्ट जारी कर रही है। इसी दबाव के कारण इस बार कह अमरनाथ यात्रा अभी तक पूरी तरह से शांत और सफलतापूर्वक संपनन हो रही है। जिसके कारण आतंकी संगठन बौखलाये हुये हैं तथा जरा सी चूक का बड़ा फायदा उठाने की फिराक में लगातार बैठे है।
उधर पाकिस्तान वार्ता को विफल करवाने के हरसम्भव प्रयास कर रहा है। यही कारण है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर हुरिर्यत नेताआें के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शन करते हुए सरताज अजीज के साथ वार्ता करने के लिए दिल्ली बुला लिया है। एनएसए स्तर की वार्ता के पूर्व अलगाववादी नेताओं को पाक की ओर से वार्ता का निमंत्रण और संयुक्तराष्ट्र में कश्मीर का मुददा उठाना भड़काने वाला कदम है। पाकिस्तान ने वार्ता को रदद करवाने के लिए विगत 25 अगस्त 2014 को भी इस्लामाबाद में आयोजित होने वाली विदेश सचिवों की वार्ता के पूर्व दिल्ली में पाक उच्चायुक्त ने हुर्रियत नेताओं की बैठक बुला ली थी तब भी यह वार्ता पटरी पर से उतर गयी थी। उधर पूर्व अटल बिहारी बाजपेयी सरकार के मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी एक प्रकार से भारत पाक वार्ता का विरोध ही किया है, जिसके कारण भारतीय जनता पार्टी अभी तक पशोपेश में है जिसका आनंद कांग्रेसी उठा रहे हैं और तंज कस रहे हैं।
— मृत्युंजय दीक्षित
सम्माननीय मृत्युंजय जी दीक्षित ,
को सादर नमस्कार के साथ जय हिन्द सवीकार हों !
भारत-पाक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वार्ता की विफलता और केंद्र में विपक्ष की लगातार नकारात्मक भूमिका पर अत्यावश्यक राष्ट्र हितार्थ इस प्रेस वक्तव्य को आपके सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से भारतीय जनसंघ के भुतपूर्व राष्ट्रीय महामंत्री एवं सुप्रसिद्ध हिन्दुत्ववादी-राष्ट्रवादी विचारक व् चिन्तक पूनम राजपुरोहित ‘’मानवताधर्मी’’ की तरफ से राष्ट्रीय न्यूज़ समसामयिक स्टोरी साक्षात्कार अथवा वैचारिक लेखादि के रूप में प्रसारित करने हेतु विनम्र निवेदन है !
श्रीमानजी को ज्ञात हों कि उपरोक्त विषय सम्बंधित प्रेस वक्तव्य की चाणक्य वर्ड में ओपन फाइल के साथ ही पीडीऍफ़ और दो पेज में जेपीजी फाइल भी भेजी जा रही है ! साथ ही व्यक्तव्यक पूनम राजपुरोहित ‘’मानवताधर्मी’’ की दो हॉल ही की फोटो और तीन प्रोफसर बलराज मधोकजी के साथ उनकी फाइल फोटोज भी भेज रहे है!
पूर्ण विश्वास है की आप राष्ट्रहित में इस सामग्री को राष्ट्रीय स्तर पर अवश्य प्रचारित व् प्रकाशित करने में सहयोग करेंगे ,अग्रिम आभार !
भवदीय
पूनम राजपुरोहित ‘’मानवताधर्मी’’
पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री- अखिल भारतीय जनसंघ
संपर्क; ४७,बालाजी नगर,सांचोर,जि.जालोर(राजस्थान)
मोबा. 09414154706,0869686666
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सार्थक लेखन