कविता

कलाम को सलाम

कलाम अपने कर्मो से पहचाने गए
उनकी क्या मिसाल
ज्ञान और विज्ञानं कके  थे मिसाल
सादा  जीवन उनकी  पहचान
बच्चो को सीखते रहे किताबो से
करना प्यार,
किताब ही सच्ची साथी
उनका हर दम कहना  होता
भारत को कैसे बनाये महान
हर दम ये सोचा करते
बच्चो से कहते सपने देखो  ऊँचे
जिन को तुम पूरा कर पाओ
दिल दर्द से भरा हुआ है,
लिखू लिए शब्द कम पड़े रहे है
उनको मेरा शत शत प्रणाम
— गरिमा पाण्डेय

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384