अनमोल है राखी
नाजुक रेशे से बनी हुई है लेकिन
कभी ना टूटने वाली एक पक्की डोर है राखी,
बहनो का प्यार और भाईयो का विश्वास है राखी,
यह कोई मतलब से बनाया हुआ रिश्ता नहीं बल्कि,
बहनो के अपने भाइयो पर होने वाले हक की हकदार है राखी,
गाँव में अपने घरो में मायूस बैठी बहनो को,
सरहद से उनके भाईयो के आगमन के हिलोरे देने वाली शीतल बयार है राखी,
पिता के घर से बिदाई के गम में मिलन की आस,
और
आँसूओं से छलकता प्यार है राखी,
ससुराल में एक आसरा सिर पर भाई के हाथ का,
सुकून और मीठा अहसास का एक मिशाल है राखी,
छोटे में चुलबुले कामो को करते-करते,
पापा की डाट सुनते फिर वही काम करते,
कभी गिरते,कभी सम्भलते,फिर उठ कर दौड़ के भागते हुए,
बिताई हुई बचपन की एक यादों का
चलता-फिरता चित्रहार है राखी।
बढिया !