बाल कविता

बालगीत – दोस्त हमारे कितने सारे

आसमान में सूरज-चंदा और सितारे हैं
देखो-देखो दोस्त हमारे कितने सारे हैं
एक बार भी कभी किसी ने
हमें नहीं है टाला
जो जितना दे सकता, उसने
उतना दिया उजाला
जग को रौशन करते हैं ये कितने प्यारे हैं
आसमान में सूरज-चंदा और सितारे हैं
हम तो इन्हें भुला दें पर ये
हमको नहीं भुलाते
हमसे हाय-हेलो कहने को
ये रोज़ाना आते
इसीलिए ये सबसे अच्छे दोस्त हमारे हैं
आसमान में सूरज-चंदा और सितारे हैं
ऐसे दोस्त बनें हम सब भी
ऐसे दोस्त बनायें
और दोस्ती का रिश्ता भी
यों ही सदा निभायें
दोस्त,दोस्ती के रिश्ते ही होते न्यारे हैं
आसमान में सूरज-चंदा और सितारे है.

— डाॅ. कमलेश द्विवेदी
मो.09415474674

2 thoughts on “बालगीत – दोस्त हमारे कितने सारे

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    लाजबाब गीत

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत शानदार बाल गीत !

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