हां यही जिन्दगी है…
थोडे से हैं आंसू, थोडी सी हंसी है
हां यही जिन्दगी है।
तुम जो मुस्कुरादो, थोडा खिलखिलादो
बस यही हर खुशी है॥
थोडे से हैं आंसूं….
डूबा जो सूरज चांद उगेगा, धूप गई तो होगी चांदनी।
तू मेरे दिल में बस रहना, बनके मेरे दिल की रागनी॥
आयेगें तूफां तो, सहेगे उन्हें भी जिन्दगी नेमत बडी है….
थोडे से हैं आंसू, थोडी सी हंसी है
हां यही जिन्दगी है।…..
तू मेरे दिल की धडकन बन, मैं तेरे दिल में धडकूं।
तू मेरे अहसासों में बसना, मैं तेरे ख्वाबों में रहूं॥
होगें ना जुदा हम, एक दूजे से हम अपनी तो दुनियां यहीं हैं….
थोडे से हैं आंसू, थोडी सी हंसी है
हां यही जिन्दगी है……
आये पतझर, दौर हो गम के, लाख करे दुनियां रुसवा।
हाथ हाथ में रहे हमारा, कोई गिला ना कोई शिकवा॥
मौत करे तो भी होगें ना जुदा हम, सातों जनम की हां की है…
थोडे से हैं आंसू, थोडी सी हंसी है
हां यही जिन्दगी है…
सतीश बंसल
हाँ यही है जिंदगी,,,,, बहुत खूब…
सुंदर रचना
शुक्रिया शशी जी…
सुंदर रचना
बहुत शुक्रिया विभा जी…