गीत/नवगीत

सांवरे…

सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे….
हार को भी जीत कर सकता है तू
नफरतों को प्रीत कर सकता है तू।
तू जो चाहे तो अंधेरे रोशनी का नूर हो
दुश्मनों को मीत कर सकता है तू॥
पल में तौला पल में तु मासा करे…
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे….

तेरी मरजी पे है ये सारा जहां
ये जमीं तेरी है, तेरा आसमां।
पालता है तु सभी की जि्दगी
तु यहां भी है वहां भी हर जगहा॥
कौन है तेरे सिवा, जो दुख हरे…..
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे….

करुणा के सागर हो तुम गमगीन हम
सर्वशक्ति पुंज हो तुम, हीन हम।
तुम बना सकते हो पल में जिन्दगीं
तुम हो दाता और सुदामा दीन हम॥
हम नमन तुमको है, जगदाता करें…
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे…..

हम तेरे चरणों में रखकर शीष को
कर रहे अनुनय विनय जगदीश को।
हे! प्रभु हम को दया का दान दो
आसरा दो दर झुके इस शीष को॥
तेरी कृपा जिसपे हो वो भव तरे…
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे…..

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.

4 thoughts on “सांवरे…

  • वैभव दुबे "विशेष"

    करुणा के सागर हो तुम गमगीन हम
    सर्वशक्ति पुंज हो तुम, हीन हम।
    तुम बना सकते हो पल में जिन्दगीं
    तुम हो दाता और सुदामा दीन हम॥

    प्रभु को समर्पित सुंदर पंक्तियाँ

    • सतीश बंसल

      आपका आभार दूबे जी…

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    अति सुंदर रचना

    • सतीश बंसल

      शुक्रिया विभा जी…

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