सांवरे…
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे….
हार को भी जीत कर सकता है तू
नफरतों को प्रीत कर सकता है तू।
तू जो चाहे तो अंधेरे रोशनी का नूर हो
दुश्मनों को मीत कर सकता है तू॥
पल में तौला पल में तु मासा करे…
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे….
तेरी मरजी पे है ये सारा जहां
ये जमीं तेरी है, तेरा आसमां।
पालता है तु सभी की जि्दगी
तु यहां भी है वहां भी हर जगहा॥
कौन है तेरे सिवा, जो दुख हरे…..
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे….
करुणा के सागर हो तुम गमगीन हम
सर्वशक्ति पुंज हो तुम, हीन हम।
तुम बना सकते हो पल में जिन्दगीं
तुम हो दाता और सुदामा दीन हम॥
हम नमन तुमको है, जगदाता करें…
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे…..
हम तेरे चरणों में रखकर शीष को
कर रहे अनुनय विनय जगदीश को।
हे! प्रभु हम को दया का दान दो
आसरा दो दर झुके इस शीष को॥
तेरी कृपा जिसपे हो वो भव तरे…
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे…..
सतीश बंसल
करुणा के सागर हो तुम गमगीन हम
सर्वशक्ति पुंज हो तुम, हीन हम।
तुम बना सकते हो पल में जिन्दगीं
तुम हो दाता और सुदामा दीन हम॥
प्रभु को समर्पित सुंदर पंक्तियाँ
आपका आभार दूबे जी…
अति सुंदर रचना
शुक्रिया विभा जी…