कवितापद्य साहित्य

ईश्वर का कानून !

ईश्वर के हर नियम-कानून है अलिखित

तोड़ने पर मिलती दण्ड, है यह निश्चित |

लाठी है अदृश्य उनकी, दिखाई नहीं देती

मारते हैं मुजरिम को, आवाज़ नहीं होती |

कौनसा नियम तोड़ने पर, दण्ड कौनसा है

इसका लेखा जोखा, केवल ईश्वर के पास है |

देकर एक शरीर, जीव को धरा पर भेजा है

दण्ड का पहला प्रहार, शरीर पर पड़ता है |

रोग के विषाणु भी, एक सूक्ष्म जीवाणु है

विशाल शरीर में घुसकर, रोग पैदा करता है |

दवाई के असर से, सूक्ष्म जीव मरता है

सूक्ष्म जीव विशाल का प्राण हर लेता है |

कैसा नियम बनाया रब ने, कुछ समझ न आये

चींटी से परेशां हाथी, चाहकर कुछ न कर पाये |

 

कालीपद ‘प्रसाद’

© सर्वाधिकार सुरक्षित   

*कालीपद प्रसाद

जन्म ८ जुलाई १९४७ ,स्थान खुलना शिक्षा:– स्कूल :शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ,धर्मजयगड ,जिला रायगढ़, (छ .गढ़) l कालेज :(स्नातक ) –क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भोपाल ,( म,प्र.) एम .एस .सी (गणित )– जबलपुर विश्वविद्यालय,( म,प्र.) एम ए (अर्थ शास्त्र ) – गडवाल विश्वविद्यालय .श्रीनगर (उ.खण्ड) कार्यक्षेत्र - राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कालेज ( आर .आई .एम ,सी ) देहरादून में अध्यापन | तत पश्चात केन्द्रीय विद्यालय संगठन में प्राचार्य के रूप में 18 वर्ष तक सेवारत रहा | प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुआ | रचनात्मक कार्य : शैक्षणिक लेख केंद्रीय विद्यालय संगठन के पत्रिका में प्रकाशित हुए | २. “ Value Based Education” नाम से पुस्तक २००० में प्रकाशित हुई | कविता संग्रह का प्रथम संस्करण “काव्य सौरभ“ दिसम्बर २०१४ में प्रकाशित हुआ l "अँधेरे से उजाले की ओर " २०१६ प्रकाशित हुआ है | एक और कविता संग्रह ,एक उपन्यास प्रकाशन के लिए तैयार है !

2 thoughts on “ईश्वर का कानून !

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी कविता !

    • कालीपद प्रसाद

      धन्यवाद विजय कुमार जी !

Comments are closed.