बाल कवितायेँ -३
आम
मेरे घर में पेड़ आम के
ठंडी हवा बिखेरे शाम से।
आम पके हैं डाली डाली
उस पर कोयल कूके काली।
गर्मी
ठंड गयी लो गर्मी आई
बंद हुए सब ऊनी कपड़े
कम्बल और रजाई।
पंखे चलते एसी चलते
घर से बाहर नहीं निकलते।
खरबूजे, तरबूजे , आम
गले को दे ठंडक आराम।
आइसक्रीम शरबत लस्सी
अच्छी और मीठी लगती
गर्मी से बचकर रहना
बीमार हो जाओ कहीं न।
— अमृता शुक्ला
अच्छी बाल कविता .
धन्यवाद
धन्यवाद
वाह अनुपम लाजवाब सृजन जय माँ शारदे =
सुंदर रचना