पाप का घड़ा..
कोई नहीं समझा वो किसके सहारे पड़ा है ,
लोग यह समझ बैठे कि वो सबसे बड़ा है
सच बोलने की कोई सीमा नहीं है
और झूठ पकड़ना भी इक कला है,
मैंने सुना है शैतान होते हैं उस जगह पर ,
जिस जगह पर किसी का धन गड़ा है.
एक बार खाने से उम्र भर भूख न लगे,
एक गरीब की यही बस कामना है,
क्यों पूजते हम उन्हें चढ़ाते है उनपे मेवा
पूजनीय तो किसान का ये फावड़ा है
जो खुद उगाता है अन्न आज वो
खुद भूखा किसी कोने में पड़ा है
भगवान आज बता दो क्या भर गया
अब इस कलयुग के पाप का घडा है