मुक्तक
मापनी : ” 1222 , 1222 , 2122 1222 ”
लगाया दिल जभी हमने- सीख बनकर निभाने को/
नहीं दम जब रहा उनके- प्रीति दिल मे बसाने को/
करें क्यों प्रेम माया से -नीति मज़हब सिखाने मे/
सजाए ख्वाब दिल मे हैं गीत सरगम सजाने को/
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आधार छंद – वाचिक महालक्ष्मी
वाचिक मापनी – 212 212 212
समांत – अने , पदांत – लगे।
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फूल गुलशन महकने लगे/
आदि मंदिर सँवरने लगे/
माँ भजन गा रहे हैं सभी
भाव जन मन उमड़ने लगे/
राजकिशोर मिश्र ‘ राज’
१३/१०/२०१५