बाॅडी सर्विसिंग कार्यक्रम
बाॅडी सर्विसिंग पर अपने पिछले लेख के तारतम्य में मैं यहाँ एक कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसका पालन करके कोई भी व्यक्ति अपने शरीर की सर्विसिंग सरलता से केवल आठ दिनों में कर सकता है, वह भी बिना किसी विशेष ख़र्च के
व्यायाम आदि सभी दिनों में
• प्रातः काल 6 बजे उठते ही एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नीबू का रस और एक चम्मच शहद घोलकर पियें। फिर 5 मिनट बाद शौच जायें।
• शौच के बाद 3 मिनट तक पेड़ू (नाभि से नीचे का पेट का आधा भाग) पर खूब ठंडे पानी में तौलिया गीली करके पोंछा लगायें, फिर टहलने जायें। कम से कम डेढ़-दो किमी टहलें।
• टहलने के बाद पार्क में या घर पर नीचे दी गयी क्रियाएं करें।
— चन्द्रासन, कटिचक्रासन, त्रिकोणासन, आगे-पीछे झुकना, कमर गोलाई में घुमाना
— जाॅगिंग (एक जगह खड़े खड़े दौड़ना) 1 मिनट
— पवन मुक्तासन 1-2 मिनट (विधि पृष्ठ 51 पर)
— भुजंगासन 1-2 मिनट (विधि पृष्ठ 51 पर)
— शवासन शुरू में 1-2 मिनट तक।
— रीढ़ के व्यायाम (विधि पृष्ठ 48-49 पर)
— नेत्र, मुख और ग्रीवा व्यायाम (विधि पृष्ठ 47 पर)
— उंगली, कलाई, कोहनी, कंधों के व्यायाम, (पृष्ठ 48 पर)
— भस्त्रिका प्राणायाम 3-3 बार गहरी सांस वाले 5 चक्र प्रतिदिन
— कपालभाति प्राणायाम 200 बार (पृष्ठ 57 पर)
— अनुलोम-विलोम प्राणायाम 5 मिनट तक (पृष्ठ 57 पर)
— अग्निसार क्रिया 3 बार (विधि पृष्ठ 59 पर)
— कर्णशक्ति विकासक प्राणायाम 3 बार (विधि पृष्ठ 59 पर)
— भ्रामरी 3 बार (पृष्ठ 59 पर)
— उद्गीत (ओंकार ध्वनि) 3 बार (पृष्ठ 59 पर)
— तितली व्यायाम (पृष्ठ 50 पर) एक मिनट
• व्यायाम के बाद खाली पेट लहसुन की तीन कली छीलकर छोटे-छोटे टुकड़े करके सादा पानी से निगल लें या चबायें।
• रात्रि 10-10.30 बजे सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
भोजन
• पहला दिन- नाश्ता-अंकुरित अन्न तथा फल, दोपहर भोजन- रोटी, उबली हरी सब्जी और सलाद, दोपहर बाद- फल का जूस, रात्रि भोजन- दोपहर जैसा।
• दूसरा दिन- नाश्ता अंकुरित अन्न तथा फल, दोपहर भोजन- उबली हरी सब्जी और सलाद, दोपहर बाद- फल का जूस, रात्रि भोजन- दोपहर जैसा।
• तीसरा दिन- दिन में चार बार 4-4 घंटे बाद एक पाव मौसमी फल (सेव)।
• चौथा और पाँचवाँ दिन- दिन में चार बार 4-4 घंटे बाद किसी रसदार फल (सन्तरा या मुसम्मी या अनन्नास) का जूस।
• छठा दिन- दिन में चार बार 4-4 घंटे बाद एक पाव मौसमी फल (पपीता)।
• सातवाँ दिन- नाश्ता अंकुरित अन्न तथा फल, दोपहर भोजन- उबली हरी सब्जी और सलाद, दोपहर बाद- फल का जूस, रात्रि भोजन- दोपहर जैसा।
• आठवाँ दिन- नाश्ता-अंकुरित अन्न तथा फल, दोपहर भोजन- रोटी, उबली हरी सब्जी और सलाद, दोपहर बाद- फल का जूस, रात्रि भोजन- दोपहर जैसा।
विशेष
• परहेज- ऊपर बतायी गयी वस्तुओं के अतिरिक्त अन्य सभी वस्तुओं का पूर्ण परहेज करें। फ्रिज का पानी न पियें। नमक कम से कम लें।
• दिन भर में कम से कम साढ़े तीन या चार लीटर सादा पानी पियें अर्थात् हर एक़ या सवा घंटे पर एक गिलास। जितनी बार पानी पीयेंगे उतनी बार पेशाब आयेगा। उसे रोकना नहीं है।
• भोजन के बाद पानी न पियें। केवल कुल्ला कर लें। उसके एक घंटे बाद पानी पियें।
• सभी तरह की दवायें बिल्कुल बंद रहेंगी।
• नहाने के साबुन का प्रयोग न करें। गीली तौलिया से रगड़कर नहायें। सिर को मुल्तानी मिट्टी से सप्ताह में दो बार धोयें। सिर में केवल शुद्ध नारियल का तेल डालें।
• यदि यह कार्यक्रम चलाते हुए कोई उपद्रव हो, जैसे उल्टी, दस्त, बुखार, खांसी, जुकाम, सिर दर्द, बदन दर्द आदि तो उसे अच्छा लक्षण मानें और कोई दवा न खायें। ये उपद्रव एक-दो दिन में अपने-आप शान्त हो जायेंगे।
• कोई शंका होने पर मुझसे सम्पर्क करें।
— विजय कुमार सिंघल
विजय भाई , लेख अत्ति उतम है . जितना हो सकता है करके देखेंगे .
धन्यवाद, भाई साहब ! मैं भी कुछ दिन बाद इसको करूँगा और परिणाम आपको बताऊँगा।