चाहे तुम मुझे भूल भी जाओ
चाहे तुम मुझे भूल भी जाओ
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चाहे तुम मुझे भूल भी जाओ
मेरा क्या है जी लूंगी मैं
अश्रु नयन की पी लूंगी मैं
खुद को मैं समझा लूंगी
होठों को अपने सी लूँगी मैं
तुझे मेरी शुभकामना हैं
तुम जो चाहो पाओ
चाहो तो तुम…………………
अब मैं कोई गीत लिखूंगी
तेरी मेरी प्रीत लिखूंगी
विगत स्मृति के पन्नों में
जीवन पथ की रीति लिखूंगी
तुम अपने मधुर स्वरों से
जीवन संगीत सुनाओ
चाहे तुम मुझे ………………….
जाओ अपने पथ पर पथिक
मत सोंचना और अधिक
कर्मयोग ही जीवन है
मति से काम लेना तनिक
तेरे पथ पर पुष्प बिछे हों
लक्ष्य अपना तुम पाओ
चाहे तुम मुझे ……………………
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©कॉपीराइट किरण सिंह