भूख
भूख हायकु
विचलित है मन
शब्द मनन|
पत्तल झूँठा
चाट भरता पेट
अमीर शेष|
झूठन चाट
शांत की उदराग्नि
कुत्तों के संग|
भृत्य लाड़ले …सेवक
अवशेष भोजन
भूख मिटाते|
सगाई-शादी
क्यों भोजन बर्बादी
बिलखे तन|
भोज्य बर्बाद
शादी समारोह
गरीब टूटे| सविता मिश्रा
हाइकु बहुत अछे लगे .
बेहद सुन्दर…अन्तस छूती रचना