गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

भूख का भूगोल अब पढ़ना कठिन है
डूबना आसान पर तरना कठिन है

मूर्ति की पूजा करो या जाप भी
दुखी के संग चार पग चलना कठिन है

चीखती है भुखमरी मुख फाड़ कर यूँ
खेद उसका चाह कर हरना कठिन है

धूप भी करती नहीं है गरम तन को
ठूँठ में एहसास अब भरना कठिन है

क्लेश होंगे दूर, ऐसी जंग छिड़नी चाहिए
उपयोग करलो वक्त का, वरना कठिन है

“कल्प” ऐसे समय को क्या नाम दे दूँ ?
मन साध के भी कर्म अब, करना कठिन है

— कल्पना मिश्रा बाजपेई

कल्पना मनोरमा

जन्म तिथि 4/6/1972 जन्म स्थान – औरैया, इटावा माता का नाम- स्व- श्रीमती मनोरमा मिश्रा पिता का नाम- श्री प्रकाश नारायण मिश्रा शिक्षा - एम.ए (हिन्दी) बी.एड कर्म क्षेत्र - अध्यापिका प्रकाशित कृतियाँ – सारंस समय का साझा संकलन,जीवंत हस्ताक्षर साझा संकलन, कानपुर हिंदुस्तान,निर्झर टाइम्स अखबार में,इंडियन हेल्प लाइन पत्रिका में लेख,अभिलेख, सुबोध सृजन अंतरजाल पत्रिका में। हमारी रचनाएँ पढ़ सकते हो । लेखन - स्वतंत्र लेखन संप्रति - इंटर कॉलेज में अध्यापन कार्य । सम्मान - मुक्तक मंच द्वारा (सम्मान गौरव दो बार )भाषा सहोदरी द्वारा (सहोदरी साहित्य ज्ञान सम्मान) साहित्य सृजन - अनेक कवितायें तुकांत एवं अतुकांत,गजल गीत ,नवगीत ,लेख और आलेख,कहानी ,लघु कथा इत्यादि ।