जब से उनका आना जाना हो गया…
जब से उनका आना जाना हो गया, घर मेरे रब का ठिकाना हो गया।
चाहतें नवरंग में सजने लगी, दिल में खुशियों का खजाना हो गया॥
पल रही हैं पतझरों में कोपले, ले नयी खुशबु नये से गुल खिले।
खुशनुमा मौसम का अब अहसास है, धडकनों से धडकनों के स्वर मिले॥
मुस्कुराने का बहाना हो गया…..
दिल में खुशियों का खज़ाना हो गया…
रोशनी खिलने लगी बिन दीप के, मोती जूं मिलने लगे बिन सीप के।
प्रीत की लहरों से मन मुस्का उठा, सपने नव सजने लगे मन मीत के॥
प्रेम के संगम नहाना हो गया……
दिल में खुशियों का खज़ाना हो गया…
चैन की बंसी बजाती है हवा, मिल गयी हर दर्द को जैसे दवा।
गंगाजल सा हो गया पावन ये मन, और तन मेरा शिवाला हो गया॥
ये जहां जैसे सुहाना हो गया….
दिल में खुशियों का खज़ाना हो गया…
सतीश बंसल