दिल है कोरे कागज समान
ये दिल है कोरे कागज के समान।
इसमें कुछ बचपन की यादें लिखी है
इसमें जीवन की कुछ वादें लिखी है
इसमें छुपी है कुछ रंगीन नजारे
इसमें कुछ दर्द भरी बातें लिखी है
इसके पन्नों में सिमटा है ये जहान,
ये दिल है कोरे कागज के समान।
किसी कोने में बनाता है प्यार की तस्वीर
किसी कोने में लगाता है नफरत की जंजीर
किसी कोने से सुख-दुख की गठरी खोलता है
किसी कोने में छुपा लेता है अपनी हर पीर
दिलवाले इस पर लिखते हैं अपनी दस्तान,
ये दिल है कोरे कागज के समान।
-दीपिका कुमारी दीप्ति