कविता

पुस्तकें

पुस्तकें
सच्ची साथी होती है
उम्र भर की
कभी
साथ नही छोङती
कभी हाथ नही छोङती
ये जीवन मे
सही मार्ग दिखाती है
और ज्ञान भी बढाती है
इन्ही पुस्तकों ने
गीता,रामायण रची है
जिससे आज भी
संस्कारों की छवि बसी है
पुस्तकें वो मार्गदर्शक है
जो सही चुनो तो
व्यक्तित्व निखारती है
गलत चुनो तो
भविष्य बिगाङती है

*एकता सारदा

नाम - एकता सारदा पता - सूरत (गुजरात) सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन प्रकाशित पुस्तकें - अपनी-अपनी धरती , अपना-अपना आसमान , अपने-अपने सपने [email protected]

2 thoughts on “पुस्तकें

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बिलकुल सही बात ,इन पुस्तकों ने मुझे बहुत सहारा दिया है .

    • एकता सारदा

      आभार आदरणीय

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