लघुकथा : आपको गोली मारूंगा
‘आया रे …आया रे खिलोने वाला खेल खिलोने ले के आया रे …खिलोने ले लो भाई खिलोने ले लो , बढ़िया सस्ते खिलोने |’ खिलोने वाला गाता हुआ गली – गली में खिलोने बेच रहा था | राधा के बच्चे भी खिलोने लेने की जिद करने लगे | राधा ने खिलोने वाले को बुलाया और दो खिलोने मांगे | रेखा ने तो खिलौना फोन ले लिया, लेकिन रोहित गिटार लेने की जिद करने लगा लेकिन राधा ने उसे बन्दूक दिलवा दी क्योंकि गिटार थोड़ा महंगा था |
बन्दूक माँ की ओर तानकर रोहित बोला, “माँ मैं जानता हूँ ये झुटी-मुटी की बन्दूक है, इससे तो कोई मरता बी नइ ! मैं बड़ा हो कर सची की बन्दूक लूँगा और सबसे पहले आपको गोली मरूँगा |”
राधा ने चट ! से उसके गाल पर तमाचा जड़ते हुए कहा, “बदतमीज ! ये सब किसने सिखाया तुझे |”
“आप ही ने तो सिखाया बन्दूक दिलवा कर |” रोते हुए रोहित बोला.
आदरणीय अनंत आलोक जी आप ने कम शब्दों में बहुत कुछ कह दिया. बधाई इस लघुकथा के लिए.
सच्ची कथा