बिन तेरे जियूं तो कैसे जियूं मेरे यार
बिन तुम्हारे जियूं तो कैसे जियूं मेरे यार
रातो की नींद उड़ गयी
उड़ गया मेरा चैन और करार
तुम्हारे साथ तो ज़हर भी लगता था अमृत
तुम्हारे बिन अमृत भी लगता है क्षार
बोलो कैसे जियूं तुम बिन
बड़ी मुश्किल से कटता है हर पलछिन
माना की मिलना नही किस्मत में हमारी
इस पूरे जन्म में
पर तुमहारे लिए एक तो क्या
ख़त्म कर दूंगा अपने जन्म हज़ार
यही तो है प्यार
यही तो है प्यार
बिन तेरे जियूं तो कैसे जियूं कैसे मेरे यार
घास बिन ओस की बूंदे
और जैसे
नमी बिन आँखे सूख जाती हैं मेरे यार
ऐसा ही कुछ मेरे मोम समान ह्रदय
पाषाण स्मृतियों में खो जाता है मेरे यार
अब तुम्ही बताओ
बिन तेरे जियूं तो कैसे जियूं कैसे मेरे यार
वाह बहुत सुंदर!!
वाह बहुत सुंदर!!