इस्लामी आतंकवाद की क़ब्र भारत में ही खुदेगी
कुछ दिन पहले मैंने लिखा था कि दुनिया इस्लामी आतंकवाद के पक्ष और विपक्ष दो भागों में बँट रही है और दोनों में भयंकर संघर्ष होने वाला है, जिसमें इस्लामी आतंकवाद का पूर्ण विनाश सुनिश्चित है। अब आईएसआईएस ने भारत, हिंदुओं और हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी को अपना खुला दुश्मन घोषित करके अपने ताबूत में आखिरी कील ठोक ली है।
जब गीदड़ की मौत आती है तो वह शहर की ओर भागता है। अभी तक इस्लामी आतंकवाद ने पश्चिम एशिया और यूरोप के कुछ देशों की ही नाक में दम कर रखा था। अब उसकी मौत आ रही है तो उसने भारत से दुश्मनी मोल ली है। अब यह लगभग तय है कि इस्लामी आतंकवाद को भारत में ही गहरे गाढ़ा जाएगा।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि इस्लाम की जिस बर्बर आँधी ने अधिकांश एशिया, आधे अफ़्रीका और आधे यूरोप को आक्रांत कर रखा था, उसे भारत ने ही थामा था। यह इतिहास का तथ्य है जिसका वर्णन एक कवि ने इन शब्दों में किया है-
वो दीने हजाजी का बेबाक़ बेड़ा
न कुलजुम में ठिठका न अम्मां में ठहरा
किये पार जिसने थे सातों समन्दर
वो डूबा दहाने में गंगा के आकर !
(अर्थात् हज करने वालों का वह प्रचंड कारवाँ जिसे न दजला रोक पायी, न फ़रात, जिसने सातों समुद्र पार कर लिये थे, वह गंगा की लहरों में आकर डूब गया।)
अब लग रहा है कि इतिहास अपने को दोहरायेगा। इस्लामी आतंकवाद हिन्दू वीरों के हाथों से ही समूल नष्ट होगा। वह दिन अब ज्यादा दूर नहीं है।
— विजय कुमार सिंघल
विजय भाई , जब किसी बात की इन्तहा हो जाती है तो इस का अंत भी बहुत बुरी तरह होता है .
सही कहा भाई साहब ! सारी दुनिया इस्लामी आतंकवाद से बुरी तरह तंग आ गयी है. अब इसका खात्मा होना ही चाहिए.