ज़िंदगी
रंगीन सपने भी कभी दिखाती है ज़िंदगी !
कभी हँसना चाहो तो रूलाती है ज़िंदगी !
हर सुबह इक नई उम्मीद जगाती है ज़िंदगी !
दिनभर में खट्टे मीठे ऐहसास कराती है ज़िंदगी !
कभी उदास सी तो कभी गुदगुदाती है ज़िंदगी !
कभी तितली के रंग ख्वाबों में बिखेरती है ज़िंदगी !
कभी रुखी बेरंग भी नज़र आती है यह ज़िंदगी !
जैसा नज़रिया हम रखे वैसी नज़र आती है ज़िंदगी !
क्योंकि अच्छे से जीएं तो बहुत प्यारी है ज़िंदगी !!!
कामनी गुप्ता ***