अश्क अनमोल मोती
अश्कों को न पानी समझो दिल की बात कहता है,
दुःख में तो बहता ही है खुशी में भी छलकता है।
अपने मन की भावों को प्रकट करने का जरिया है,
इसकी गहराई न माप सकोगे ये तो ऐसा दरिया।
कभी निकलकर दूर कर देता है हर मुस्किल को,
कभी टपक कमजोर कर देता है अपने दिल को।
आँखों में खुद को रोककर कभी दिलाता हिम्मत,
एक दिल ही जानता है इन आँसूओं की कीमत।
क्षणिक सुख के लिए इन अश्कों को मत बहाओ,
ये तो अनमोल मोती है आँखों से मत गिराओ।
-दीपिका कुमारी दीप्ति