राजनीति

आखिर कांग्रेस को हो क्या गया है ?

अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस सहित शेष विपक्ष को 2015 में ही 2019 नज़र आने लग गया है और वह किसी न किसी प्रकार से किसी न किसी बहाने पीएम मोदी की बहुमत की सरकार को फिलहाल कोई सहयोग देने के मूड में नहीं दिखलायी पड़ रहा है। विगत सप्ताह जब सदन अवकाश पर गया था तब लोगों को आशा जगी थी कि जब सोमवार 14 दिसम्बर को सदन की कार्यवाही शुरू होगी तब सदन का वातवारण अच्छा व शांत होगा और कार्यवाही ठीकठाक ढंग से चलेगी, लेकिन यहां पर तो विपक्ष का रवैया ही बेहद खतरनाक और लगातार मोदी सरकार के खिलाफ असहिष्णु होता जा रहा है।

राहुल, केजरीवाल व नीतिश कुमार की तिकड़ी को लग रहा है कि जिस प्रकार से हम लोगों ने असहिष्णुता का मुददा उठाकर बिहार को जीत लिया है, अब उसी प्रकार से आने वाले विधानसभा चुनावों को भी फतह करेंगे। साथ ही राज्यसभा में भाजपा का पूर्ण बहुमत न होने का लाभ भी पूरी तरह उठाकर मोदी सरकार के खिलाफ असहिष्णुता के मुददे को उठाते रहकर अपनी वाहवाही जनता के बीच बटोरकर वोट को भी मजबूत करेंगे। सोमवार 14 दिसम्बर को राहुल गांधी ने सुबह- सुबह बयान दिया कि असोम के बरपेटा में संघ परिवार के लोगों ने उनको मंदिर जाने से रोका और बाद में भीड़भाड़ समाप्त होने पर मैं अकेले ही मंदिर चला गया अपने बयान में उन्होंने यह भी जोड़ा है कि आखिर संघ कौन होता मंदिर में जाने से रोकने वाला ?

यह राहुल गांधी का असली चेहरा है जोकि अब बेनकाब होता जा रहा है। यह संघपरिवार को बदनाम करने की मुहिम चला रहे हैं क्योंकि चर्चो व इंसाई संगठनों की अवैध व धर्मातरण करवाने वाली गतिविधियों पर अब लगाम लग रही है। एक ओर राहुल गांधी असोम की घटना पर अपना रोना रो रहे थे तो दूसरी ओर कांग्रेसी सांसद संसद में पंजाब के अबोहर की घटना पर पंजाब सरकार को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे।

वहीं दूसरी ओर यह भी खबरें आ रही हैं कि नेशनल हेराल्ड के मुददे को लेकर भी कांग्रेस लगातार हमलावर रहेगी क्योंकि कांग्रेस के नेता आरोप लगा रहे हैं कि वित्तमंत्री अरूण जेतली ने कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को महारानी कहकर अपमानित किया है। एक बात ओर आजकल कांग्रेस पार्टी किसी न किसी बात पर संसद की कार्यवाही को बाधित करने पर आमादा तो है ही वही किसी न किसी बात पर रोज किसी न किसी मंत्री सांसद से माफी मांगने या इस्तीफा देने की कार्यवाही करने की बात कहती है और फिर कहती हैं कि पीएम मोदी हर मसले पर मौन क्यों रहते हैं ?

आज कांग्रेस व विपक्ष की बातों से यह साफ नजर आ रहा है कि वह अब पूरी तरह से बौद्धिक और रणनीतिक नजरिये से विफल हो चुका है। कांग्रेस व विपक्ष के पास गंभीर मुददों का घोर अभाव हो गया है। संसद में असहिष्णुता पर पर्याप्त बहस हो चुकी है । सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और देश के राष्ट्रपति इन सभी ज्वलंत मुददों पर अपनी बेबाक राय दे चुके हैं। लेकिन यह देश का तथाकथित विपक्ष है कि उसके मन मस्तिष्क में जो गंदगी भर गयी है वह कैसे साफ की जाये। आज देश के हालातों के यही विपक्ष जिम्मेदार है क्योंकि विगत 65 वर्षों से देश में इन्हीं दलों का शासन रहा है। आखिर कांग्रेस पार्टी अपनी असहिष्णुता और देशविरोधी गलतियों के लिए माफी कब मानेगी ? कांग्रेस एक घातक मनोवृत्ति वाला नराधम विपक्षी समूह है हो जो आसुरी शक्तियों से प्रेरित हो रहा है। यह कांग्रेस व विपक्ष अब यह तय कर चुका है कि वह न तो देश का विकास होने देगा और नहीं भारत को कभी विश्वगुरू ही बनने देगा ।

राहुल गांधी पूरी तरह से मानसिक विकृति के शिकार हो चुके हैं, इस परिवार का किसी अच्छे अस्पताल में इलाज बेहद आवश्यक हो गया है। एक ओर तो इन लोगों ने विगत 65 वर्षों तक देश का कोई काम नहीं किया और यही नहीं देश की संपत्ति को पैतृक संपति समझकर राज किया । यह लोग समझ रहे हैं कि हमारी पैतृक संपत्ति को किसी और ने हरण कर लिया है तथा यह गिरोह अपनी पैतृक संपत्ति को दोबारा प्राप्त करने के लिए किसी भी सीमा तक जाने के लिए तैयार बैठा है। यह गांधी परिवार अब अपने राजनैतिक भविष्य की लड़ाई का अंतिम चरण लड़ रहा है।

इस विपक्ष के पास से तरकश के सभी तीर खाली हो चुके हैं। बस प्रसिद्धि व मीडिया में सनसनी पाने के लिए सुबह उठकर बेसिरपैर के मुददे उठाने लग जाते हैं। अब ये लोग जनता की निगाहों में लगातार गिरते जा रहे हैं। अभी तक ये लोग मोदी सरकार पर असहिष्णुता के आरोप साबित नहीं कर पाये हैं।अब अगले चरण में यही लोग हिंसा करवाकर असहिष्णुता के मुददे को जीवित रखने की साजिशें रच रहे हैं। इसलिए भाजपा नेतृत्व व संघ परिवार कोलगातार सजग रहकर इन पर नज़र रखनी चाहिए।

— मृत्युंजय दीक्षित