तू आगाज तो कर …
तू आगाज तो कर अंजाम की मत सोच।
नाम में कुछ नही रखा नाम की मत सोच॥
जो तेरा फर्ज है शिद्दत से निभा उसको।
बस अपना कर्म कर ईनाम की मत सोच॥
परवाह मत कर दुनिया जो कहती है कहे।
खुद पे भरोसा रख मान अपमान की मत सोच॥
तेरी हर राह में उठयेगे दीवार तेरे अपने।
अब किसी के धर्म और ईमान की मत सोच॥
सिर्फ हौसलों के पंख देगे साथ हर उडान में।
किसी गैर के दम पर उडान की मत सोच॥
वो रखता है हिसाब सबके आने और जाने का।
तेरे हाथ कुछ नही तु बे वजहा अपनी जान की मत सोच॥
बस निमित्त मात्र हैं मैं, तू और हम सब।
जो करना है वही करेगा तु जहान की मत सोच॥
सतीश बंसल
वाह
अति सुंदर रचना