प्रीत की नाव में तो अब चढ़ने दो
प्रीत की नाव में तो अब चढ़ने दो
दिल में है जो उसे आज कहने दो||
डूब जाये प्यार के समन्दर में यूँ
कहता दिल,दिन को मत ढलने दो||
और न सताओ और न तरसाओ
इन खूबसूरत नैनो में अब बसने दो||
मत समझो मुझे गैर ए हमसफ़र
तुम्हारा अपना भी अब बनने दो||
उठ चुके कदम प्यार की राह पर
मंज़िल पाने तक और चलने दो ||
“दिनेश”