ग़ज़ल
तुम अगर साथ हो तो सँवर जाएंगे!
बिन तुम्हारे सनम हम बिखर जाएँगे !
हमने छोडा जमाना तुम्हारा लिए!
तुमने छोडा हमें तो किधर जाएगें!
जो मेरे शब्दो’ पर धूल सी है जमी,
तुम जुवाँ से छुओ तो निखर जाएगें
दो पहर के लिये भी तेरा साथ हो,
गम के आलम ये सारे गुजर जाएगें!
मंजिले इश्क में जख्म जो भी मिले,
तुम गले से लगा लो तो भर जाएगें!!
दूर जाकर मिलेगी खुशी गर तुम्है,
“शिव” कसम जिन्दगी से मुकर जाएगें!
–शिव चाहर “मयंक”
हमने छोडा जमाना तुम्हारा लिए!
तुमने छोडा हमें तो किधर जाएगें! वाह वाह .