गीत : हे माँ तुझको मेरा वंदन
रिश्ता है ये सबसे न्यारा,
सबसे अनुपम है ये बंधन,
ॠणी रहूँगा सदा तुम्हारा,
हे माँ तुझको मेरा वंदन,
तुमने अपने उदर में मुझको,
नौ माह तक संभाला था,
कैसे पाल सकेगा कोई,
जैसे तूने पाला था,
तेरी साँस से साँस जुड़ी थी,
और तेरी धड़कन से धड़कन,
ॠणी रहूँगा सदा तुम्हारा,
हे माँ तुझको मेरा वंदन,
प्रसूति वेला में तुमने,
कितने स्वप्न सजाए थे,
मानव क्षमता से भी ज्यादा,
तूने कष्ट उठाए थे,
भूल गईं सारी पीड़ा तुम,
सुनकर मेरा पहला क्रंदन,
ॠणी रहूँगा सदा तुम्हारा,
हे माँ तुझको मेरा वंदन,
बड़े जतन से किया था तूने,
मेरा पालन पोषण मैया,
तुम बिन कैसे पार उतरती,
माँ मेरे जीवन की नैया,
नाम करेगा रोशन तेरा,
इस जग में तेरा ये नंदन,
ॠणी रहूँगा सदा तुम्हारा,
हे माँ तुझको मेरा वंदन,
— भरत मल्होत्रा