गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 20/09/202520/09/2025 ग़ज़ल इक उम्र तक ये काफी पशेमान हुआ हैअब जा के मेरे दिल को इत्मीनान हुआ है अच्छा हुआ तू छोड़ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 17/09/202517/09/2025 ग़ज़ल इस दुनिया में मेरे यार वक्त जिसका बदलता हैउसकी गुफ्तगू का खुद ब खुद लहज़ा बदलता है जो कहता था Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/09/202515/09/2025 ग़ज़ल अपनों की चालबाज़ी से हारा हुआ इक शख्समैं हूं मियां हालात का मारा हुआ इक शख्स निकला है कार ले Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 08/09/202508/09/2025 ग़ज़ल रेगिस्तान में पानी लाया जा सकता हैवीराने में कमल खिलाया जा सकता है समझदार को समझाना नामुमकिन हैअहमक को फिर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 01/09/202501/09/2025 ग़ज़ल पहले प्यार हुआ करता था यकीन के बादआजकल होने लगा है ये छानबीन के बाद जाते – जाते मुझे ये Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 01/09/202501/09/2025 ग़ज़ल अपने महबूब की आंखों को अश्कबार नहीं करताआशिक इश्क को रुसवा सर ए बाज़ार नहीं करता मुहब्बत और हवस इक Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 26/08/202527/08/2025 ग़ज़ल जो झूठी आन बान से आगे निकल गयावो हरेक इम्तिहान से आगे निकल गया राह रोकने वाले दीवार बनते रह Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 23/08/202523/08/2025 बाकी सब कुछ ठीक है हिंदू मुस्लिम लड़ रहे हैं बाकी सब कुछ ठीक हैबेगुनाह कुछ मर रहे हैं बाकी सब कुछ ठीक है जो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 21/08/202521/08/2025 ग़ज़ल मैंने तनहाई में किस किस को पुकारा मत पूछकिस तरह हिज़्र का मौसम ये गुज़ारा मत पूछ जिसे सुनना है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/08/202519/08/2025 ग़ज़ल किसी बात का खौफ नहीं हो सकता उन दीवानों कोआग लगाकर आए हों जो अपने सब अरमानों को इश्क मुहब्बत Read More