विश्वास
विश्वास पर टिकी है दुनियाँ यहाँ।
विश्वास ही विश्वास को खाता यहाँ।
विश्वास किस पर किया जाय यहाँ।
विश्वास किया तो, विश्वास टुटता यहाँ।
विश्वास करते तो, मिलता विश्वासघात।
न करें तो दिल पर पहुचता आघात।
मानव की यहाँ बन गई कैसी रीत।
चन्द फायदों के लिए, करते पक्षपात।
खामियों को दूर करने का करें प्रयास।
यही उम्मीद लगाये बैठे हैं आस-पास।
शब्दों के नव-अंकुर से अंकुरण कर दें,
समझे लोग मतलब, होता क्या विश्वास।
@रमेश कुमार सिंह /२६-०९-२०१५@
बढ़िया ! इसमें व्याकरण की गलतियाँ नहीं हैं. वर्तनी की एकाध गलती है. बस. बधाई !
धन्यवाद आदरणीय!!प्रणाम!!