गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

अक़्स मेरा वहाँ से मिटा दीजिये।
साफ पानी ज़रा सा हिला दीजिये।

ग़र ज़रा बात पर दुश्मनी हो गई,
प्यार कैसा मुझे ये बता दीजिये।

दूसरों की कमी देखना है सरल,
आइने को कभी आइना दीजिये।

आप रखिए जमीं मैं परिंदा खुला,
एक टुकड़ा सही आसमां दीजिये।

और रिश्ते भले दायरे में रहें,
दोस्ती को बड़ा दायरा दीजिये।

प्रवीण श्रीवास्तव ‘प्रसून’
फतेहपुर उ.प्र.
8896865866

प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'

नाम-प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' जन्मतिथि-08/03/1983 पता- ग्राम सनगाँव पोस्ट बहरामपुर फतेहपुर उत्तर प्रदेश पिन 212622 शिक्षा- स्नातक (जीव विज्ञान) सम्प्रति- टेक्निकल इंचार्ज (एस एन एच ब्लड बैंक फतेहपुर उत्तर प्रदेश लेखन विधा- गीत, ग़ज़ल, लघुकथा, दोहे, हाइकु, इत्यादि। प्रकाशन: कई सहयोगी संकलनों एवं पत्र पत्रिकाओ में। सम्बद्धता: कोषाध्यक्ष अन्वेषी साहित्य संस्थान गतिविधि: विभिन्न मंचों से काव्यपाठ मोबाइल नम्बर एवम् व्हाट्सअप नम्बर: 8896865866 ईमेल : [email protected]

One thought on “ग़ज़ल

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत अच्छी ग़ज़ल .

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